4 बच्चों की कहानियां I Char baccho ki kahani

बच्चों यह कहानी है एक गुरुकुल की जहां जादुई शिक्षा दी जाती थी। एक बार चार भाई जादुई शिक्षा ग्रहण करने आए। और उन चारों ने अपनी लगन और मेहनत से एक वर्ष में अपनी जादुई शिक्षा पुरी कर ली। शिक्षा पुरी कर जब वो घरजाने लगे तो गुरु जी ने उन चारों शिष्यों को एक चेतावनी दी कि बिना किसी कारण के अपने जादू का प्रयोग किसी पर मत करना। फिर चारो ने गुरु के इस कथन पर हामी भरी और अपने घर की ओर चल दिए।

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घर जाते समय उन्हें रास्ते में एक हड्डियों का ढांचा मिला जिसे देख कर उन चारों भाइयों में तर्क होने लगा । कोई कहता यह कुत्ते का ढांचा है , कोई कहता नही यह शेर का ढांचा है। तभी बड़े भाई ने कहा क्यों न इसे अपनी जादुई शक्ति से जीवित किया जाय जिससे यह पता चल जाएगा कि यह किस जानवर का ढांचा है। तभी छोटे भाई ने उन्हें रोकते हुए कहा कि गुरु जी ने हमे बिना किसी कारण जादू का प्रयोग करने से मना किया है। लेकिन तीनों भाइयों ने एक न सुनी , फिर छोटे भाई ने कहा ठीक है फिर में एक पेड़ पर चढ़ जाता हू उसके बाद आपलोग इसे जीवित करना। फिर वह एक पेड़ की ऊंचाई पर चढ़ गया।

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Char baccho ki kahani

और इधर तीनो भाईयो ने मिलकर अपनी जादुई शक्ति से उस जानवर को जीवित करने लगे। धीरे धीरे हड्डियों का ढांचा एक शेर में परिवर्तित हो गया। अब तीनो भाई डर के मारे कापने लगे। और शेर ने तीनों भाइयों को खा कर अपनी भूख मिटाई और चलता बना। छोटा भाई ऊपर से यह सारे दृश्य देख रहा था क्योंकि वह पेड़ पर बैठा था इसलिए वह बच गया।