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दोस्तो आज हमलोग प्रत्यय (hindi pratyay) के बारे में पढ़ेंगे। प्रत्यय से जुड़े कई सवाल परीक्षा में पूछे जाते हैं। इस लेख में हमलोग प्रत्यय को विस्तार से समझेंगे। जैसे प्रत्यय क्या है कितने प्रकार के होते हैं प्रत्यय बनाने के क्या नियम है इत्यादि उदाहरण के साथ समझेंगे।

प्रत्यय क्या है?(pratyay)

जो शब्दांश दूसरे शब्दों के अंत में जुड़कर अपने प्रकृति के अनुसार शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं उसे प्रत्यय ( pratyay ) खाते हैं।

प्रत्यय मुख्य चार प्रकार के होते हैं।( pratyay ke prakar )

• विभक्ति प्रत्यय
• स्त्री प्रत्यय
• कृत प्रत्यय
• तद्धित प्रत्यय

विभक्ति प्रत्यय

जिन संज्ञा सर्वनाम पदों के साथ ने , को , से आदि प्रत्ययो का प्रयोग होता है उसे विभक्ती प्रत्यय कहते हैं ।

जैसे_
रामू ने , तुमको , उनसे , मुझसे, मुझको , तुम्हारा , लड़को में , उनमें , तुमने , तुमपर , तुमसे आदि।

स्त्री प्रत्यय

जिन प्रत्ययो के लगाने से स्त्रीलिंग रूप बनाए जाते हैं उन्हें स्त्री प्रत्यय कहा जाता है।

जैसे_

” ई ” प्रत्यय लगाकर

• घोड़ा = घोड़ी
• लड़का = लड़की
• हिरण= हिरनी
• मुर्गा = मुर्गी
• नगर = नगरी
• पुत्र = पुत्री
• मोटा = मोटी
• कुमार = कुमारी
• बेटा = बेटी
• बकरा = बकरी
• हमारा = हमारी
• कुत्ता = कुत्ते

” इन ” प्रत्यय लगाकर

• खिलाड़ी = खिलाड़ीन
• बाघ = बाघिन
• ग्वाला = ग्वालिन
• तेली = तेलीन
• धोबी = धोबिन

” आ ” प्रत्यय लगाकर

• सूत = सुता
• शिव = शिवा
• छात्र = छात्रा
• शिष्य = शिष्या
• अबल = अबला

” आइन ” प्रत्यय लगाकर

• ओझा = ओझाइन
• ठाकुर = ठाकुराइन
• पंडित = पंडिताइन

” इका ” प्रत्यय लगाकर

• पालक = पालिका
• लेखक = लेखिका
• सेवक = सेविका
• शिक्षक = शिक्षिका

” वति/ मति ” प्रत्यय लगाकर

• बुद्धिमान = बुद्धि मती
• भगवान = भगवती
• बलवान = बलवंती

” इया ” प्रत्यय लगाकर

• बाछा = बछिया
• डिब्बा = डिब्बिया
• बूढ़ा = बुढ़िया

कृत प्रत्यय

पक्रिया या धातु के अंत में लगने वाले प्रत्यय को कृत प्रत्यय कहते हैं और इससे बने शब्द को कृदंत कहते हैं।
जैसे_
क्रियापद कृत प्रत्यय = कृदंत

लिखना वाला = पढ़नेवाला

कृत बनाने के प्रकार

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• कृर्तवाचक कृदंत

कृर्तवाचक कृदंत क्रिया करने वाले का बोध कराता है ।
कृर्तवाचक कृदंत बनाने की विधि _
• क्रिया के सामान्य रूप के ” ना” को ” ने ” में बदलना।
लिखना + वाला = लिखनेवाला
पढ़ना + वाला = पढ़ानेवाला
जानना + वाला = जानने वाला
देखना + वाला = देखनेवाला

• क्रिया के सामान्य रूप के “ना ” को “न ” करके ।
जानना+ हार = जाननहार
मिलना + सार = मिलनसार

• धातु के आगे अक्कड़ , आऊ , आका , आक , इयल ऊ , ओडा , एरा , ऐत , अंकू , अंतू , हारा आदि शब्द लगा कर।
भुलक्कड़, भगोड़ा , मरियल, लूटेरा आदि।

• गुणवाचक कृदंत

गुणवाचक कृदंत किसी विशिष्ट उन बोधक होते हैं यह कृदंत आऊ , आवना , इया अन्त वाले होते है। जैसे_
टिकना + आऊ = टिकाऊ
सुहा + आवना = सुहावना

• कर्मवाचक कृदंत

कर्मवाचक कृदंत कर्मबोधक होते है, ये प्राय औना ,ना ,नी प्रत्ययो से बनाए जाते है। जैसे_
बिछना + औना = बिछौना
खेल + औना = खिलौना

• करणवाचक कृदंत

ये शब्द धातुओं में आ , आनी , ऊ , न , ना , औटी , औना , ई , नी आदि प्रत्ययो के जोड़ने से बनते है। जैसे_
कस + औटी = कसौटी
झाड़ + ऊ। = झाड़ू

भाववाचक कृदंत

धातु के अंत में अ , अन , आ , आई , आन , आप , आव , आस , आहट , ई , एरा , औती , त , ती , न , नी , ना आदि शब्दो के जोड़ने से बनते है। जैसे_
थक + आवट = थकावट
लड़ + आई = लड़ाई

क्रियाधोतक कृदंत

क्रियाधोतक कृदंत बीते हुए या गुजर रहे समय के बोधक होते है। मूल धातु ” आ” अथवा “या ” प्रत्यय लगाने से भूतकालीन तथा ” ता ” प्रत्यय लगाने से वर्तमानकालिक कृदंत बनते है। जैसे_
खा + या = खाया
जा + ता = जाता
खा + ता = खाता

तद्धित प्रत्यय

संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण में लगनेवाले प्रत्यय को तद्धित कहते है। जैसे_
मानव + ता = मानवता

तद्धित प्रत्यय निंमलिखित होते है।

• कर्तृवाचक

कर्तृवाचक तद्धित है। आर , इया , ई , उया , एया , एडी , वाला आदि। इसके जुड़ने से , किसी काम के करने वाले , बनाने वाले , बेचनेवाले का बोध होता है। जैसे_
चाय + वाला = चायवाला
दूध + वाला = दूधवाला

• भाववाचक

भाववाचक प्रत्यय को संज्ञा , विशेषण के साथ जोड़ने से भाव का बोध होता है। ये प्रत्यय है। आ , आई , आयत , पा , पन , त्त , ता , त्व , नी , क आदि। जैसे_
कवि + ता = कविता
पत्रकार + ता = पत्रकर्ता
पागल + पन = पागलपन
दलाल + ई = दलाली

• ऊनवाचक

ऊनवाचक तद्धित प्रत्यय है। आ, इया , ओली , ड , डी , री आदि। जैसे_
गठरिया = गठरी
ठाकुर = ठकुरा
बूढ़ी = बुढ़िया
बात = बतीया

• अपत्यवाचक

इस प्रत्यय के जुड़ने से आंतरिक परिवर्तन होता है। जैसे_
जनक = जानकी
राजी = राजीव
राधा = राधेय
पर्वत = पार्वती

• संबंध वाचक

इनसे संबंध का पता चलता है। इसके प्रत्यय है _ एरा , आल , आला , जा , दान , आदि। जैसे_

चाचा + एरा = चचेरा
ससुर + आल = ससुराल
मामा + एरा = ममेरा

• गुणवाचक

गुण वाचक प्रत्ययो से मिलकर बने शब्द गुण प्रकट करते है। जैसे _
भूख से भूखा
चार से चौथा
रस से रसीला

स्थानवाचक

ई , इया ,अना ,री , गाह आदि स्थान वाचक तद्धित है ! ये स्थान का बोध कराते है ! जैसे _
फारस + ई = फारसी
चीन + ई = चीनी
पंजाब + ई =पंजाबी
बिहार + ई = बिहारी
नेपाल + ई = नेपाली

अव्ययवाचक

आँ ,अ ,ओ ,तना ,भर , यो आदि अव्ययवाचक तद्धित प्रत्यय है ! जैसे _
यह + आँ = यहाँ
रात + भर = रातभर

आशा करता हूँ आपको हिंदी व्याकरण प्रत्यय (hindi pratyay) की लेख अच्छी लगी होगी ! और अधिक जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट से जुड़े रहे !