vakya in hindi I vakya ke prakar I vaky
” दो या दो से अधिक पदो का समूह , जो पूर्णभाव को स्पष्ट करता है। , उसे वाक्य कहते है। “
” शब्दो का व्यवस्थित रूप जिससे मनुष्य अपने विचारो का आदान प्रदान करता है , उसे वाक्य कहते हैं। “
जैसे_
• कुत्ता पागल हो गया है।
• बच्चे दूध पीते है।
• गंगा हिमालय से निकलती है।
वाक्य के प्रकार
• रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते है।
• अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के होते है।
रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते है।
• सरल वाक्य vakya in hindi
• मिश्र वाक्य
• संयुक्त वाक्य
सरल वाक्य
जिस वाक्य में केवल एक उद्देश्य और एक विधेय हो अथवा अनेक उद्देश्यों का सभी विधेय से समान संबंध हो, सरल वाक्य कहलाता है। जैसे_
बैल खेत जोतता है !
सचिन फुटबॉल खेलता है !
घोड़ा ताँगा खींचता है !
सचिन अंग्रेजी पढ़ता है ! vakya in hindi
मिश्र वाक्य
जिस वाक्य में एक सरल वाक्य तथा इसके आश्रित एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हो , मिश्र वाक्य कहलाता है ! जैसे _
जब तक शिछक रहते है , बच्चे शांत रहते है !
जो व्यक्ति परिश्रमी होता है , उसके लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं !
यह वही भारत है ,जो सोने की चिड़िया कहलाता था !
मालिक ने खा की कल छुट्टी है !
संयुक्त वाक्य
जिस वाक्य में दो सरल या मिश्र वाक्य परस्पर किसी अव्यय से संयुक्त हो ,संयुक्त कहलाता है !
जैसे _
इस पुस्तक में ऐसा क्या है , जो आप दिन रात पढ़ते है !
आप किसी डॉक्टर को दिखाए , जो दाँत निकालता हो !
जब भी माँ खाना बनाती है, तब उसकी खुसबू मन को मोह लेती है !
यदि आप बुलायेंगे मै जरूर आ जाऊगा !

अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के होते है।
विधिवाचक वाक्य
निषेधवाचक वाक्य
प्रश्नवाचक वाक्य
विस्मयवाचक वाक्य
आज्ञा वाचक वाक्य
इच्छा वाचक वाक्य
संदेहवाचक वाक्य
संकेतवाचक वाक्य
विधिवाचक वाक्य
यदि वाक्य में कार्य के होने अथवा करने का सामान्य कथन हो, निषेधात्मक न हो तो , उसे विधि वाचक वाक्य कहते है !इस तरह के वाक्य की रूपरेखा सामान्य संरचना क्र अनुसार होती है !
जैसे _
इस साल काफी बारिश हुई थी !
गर्मी में धुप बहुत होती है !
राम अयोध्या में रहते थे !
निषेधवाचक वाक्य
जिस वाक्य में कार्य के न होने या न करने का बोध हो तो उसे निषेधवाचक वाक्य खा जाता है !इस प्रकार के वाक्य में न ,नहीं ,मत आदि निषेध सूचक अव्ययो का प्रयोग किया जाता है ! जैसे _
वह गाड़ी नहीं चलाएगा !
वे पड़े नहीं काटेंगे !
मोहन घर पर नहीं है !
प्रश्नवाचक वाक्य
जिस वाक्य में प्रश्न किए गए हो , उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते है !इस प्रकार के वाक्यों में क्या , कहाँ , कौन , कैसे , कब, किसलिए आदि शब्द का प्रयोग किया जाता है ! जैसे _
आप खा रहते हो ?
आप कब जाओगे ?
आपको क्या चाहिए ?
विस्मयवाचक वाक्य
यदि वाक्य विस्मय , शोक , हर्ष , घृणा , ख़ुशी , आदि का भाव हो तो ,उसे विस्मयवाचक वाक्य
कहते है ! इस तरह के वाक्यों में विस्मयादी बोधक अव्ययो का प्रयोग होता है !और उन अव्ययो के बाद विस्मयवाचक चिन्ह लगाया जाता है जैसे _
वाह ! क्या उत्तम विचार है l
अरे ! आपने तो कमल कर दिया l
वाह ! खाना बहुत स्वादिस्ट है l
आज्ञा वाचक वाक्य
यदि वाक्य में वक्ता का उद्देश्य आज्ञा या अनुमति देना है तो उसे आज्ञावाचक वाक्य माना जाता है जैसे _
आप अपनी बात कह सकते है l
एक गिलास पानी लाओ l
पंखा बंद कर दो l
इच्छा वाचक वाक्य
जिस वाक्य में वक्ता की इच्छा , आशा, शुभकामना या श्राप आदि अभिव्यक्त हो तो , उसे इच्छा वाचक वाक्य कहते है l जैसे _
आपकी यात्रा मंगलमय हो l
मुझे कश्मीर घूमने का मन है l
तुम्हे नरक में भी जगह नहीं मिलेगी l
संदेहवाचक वाक्य
जिस वाक्य से संदेह या संभावना का बोध हो ,उसे संदेहवाचक वाक्य कहते है l जैसे _
लगता है, मै इस व्यक्ति को कही देखा है l
अब तक वह सो गया होगा l
शायद कल बारिश होगी l
संकेत वाचक वाक्य
यदि वाक्य में एक क्रिया का होना दूसरे पर निर्भर करे अथवा एक कार्य का संकेत दूसरे से मिले तो उसे संकेत वाचक वाक्य कहते है l जैसे _ vakya in hindi
यदि बर्षा अच्छी हुई तो फसल भी अच्छी होगी l
यदि काम शांति से हुआ तो जल्दी समाप्त हो जायगा l
- संज्ञा किसे कहते है कितने प्रकार के होते है ?
- काल क्या है कितने प्रकार का होता है?
- समास किसे कहते है विस्तार से जानकारी l
” दो या दो से अधिक पदो का समूह , जो पूर्णभाव को स्पष्ट करता है। , उसे वाक्य कहते है। “
रचना के आधार पैर वाक्य तीन प्रकार के होते है
अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के होते है
जिस वाक्य में केवल एक उद्देश्य और एक विधेय हो अथवा अनेक उद्देश्यों का सभी विधेय से समान संबंध हो, सरल वाक्य कहलाता है।