viram chinh in hindi I viram chinh kise kahte hai I viram chinh ka arth
दोस्तों अक्सर हम लोग हिंदी लिखते वक्त में विराम चिन्हों का प्रयोग करते हैं (viram chinh kise kahte hai)लेकिन हमें सटीक तरीके से पता नहीं होता है की किस चिन्ह का प्रयोग किस कारण हो रहा है दोस्तों हम लोग आज विराम चिन्ह के बारे में विस्तार से समझेंगे।
विराम चिन्ह किसे कहते है?
जब हम लोग अपने भाव को प्रकट करते हैं तब कुछ अंश को प्रकट करने के बाद थोड़ा रुकते हैं , इसे ही विराम कहते है। और इसे स्पष्ट करने के लिए जिस चिन्ह का प्रयोग करते हैं , उसे विराम चिन्ह कहते हैं ।
विराम चिन्ह का क्या अर्थ होता है?
विराम चिन्ह का अर्थ है _ विराम अथवा ठहराव । विराम चिन्ह न सिर्फ ठहराव को ही सूचित करता है। बल्कि किसी पदो , वाक्यांशो तथा खंड वाक्यों के बीच प्रयुक्त होकर विभिन्न भावों को अर्थपूर्ण बनाता है। विराम चिन्ह के गलत प्रयोग से किसी भी शब्द का अर्थ बदल जाता है। viram chinh kise kahte hai
जैसे_
• पकड़ो , मत जाने दो ।
• पकड़ो मत , जाने दो ।
हिन्दी मे विभिन्न प्रकार के चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। viram chinh kise kahte hai
• विराम चिन्ह
• भाव चिन्ह
विराम चिन्ह को चार भागों में बाटा गया है।
• पूर्ण विराम चिन्ह (Full Stop) ।
• अपूर्ण विराम चिन्ह या उपविराम (Colon) :
• अर्द्ध विराम चिन्ह (Semicolon) ;
• अल्प विराम चिन्ह (Comma) ,
पूर्ण विराम चिन्ह ।
यह चिन्ह एक अभिप्राय की समाप्ति को सूचित करता है। अतः प्रत्येक वाक्य की समाप्ति पर इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं। जैसे_ viram chinh kise kahte hai
• बच्चे मैदान में खेल रहे है।
• हमे प्रतिदिन दातुन करना चाहिए।
• सब्र का फल मीठा होता है।
• बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते है।
• डॉक्टर मरीज की इलाज करता है।
अपूर्ण विराम चिन्ह या उपविराम :
जहा वाक्य के समाप्त हो जाने के बाद भी वाक्य का अर्थ पूर्ण नही होता ; और आगे की जिज्ञासा बनी रहती है, उस जगह पर अपूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता है। अपूर्ण विराम चिन्हका प्रयोग संवाद लेखन , एकांकी लेखन और नाटक लेखन में वक्ता के नाम के बाद किया जाता है। जैसे_
• चुन्नू : यहा से बुलंद शहर की दूरी कितनी है?
• हर्ष : लगभग 120 किलो मीटर ।
• चुन्नू : क्या आप बता सकते हैं वहा कोन सी बस जाएगी?
• हर्ष : हां जरूर ; आप 24 नंबर बस ले सकते हैं।
अर्द्ध विराम चिन्ह ;
जहां अपूर्ण विराम से भी कम ठहराव का संकेत होते है। वहा इस तरह के चिन्ह का प्रयोग होता है। यदि खंड वाक्य का आरंभ वरन , पर , परन्तु , किंतु , क्योंकि , इसलिए , तो भी आदि शब्द से हो तो उसके पहले अर्द्ध विराम चिन्ह ; का प्रयोग किया जाता है। लगातार आने वाले पदबंधो के बीच भी अर्द्ध विराम का प्रयोग किया जाता है। जैसे_
• वह कल रात खाना नही खाया था ; क्योंकि कल वह समय से पहले ही सो गया था।
• रात की नींद का आनंद लेकर जीव जगत पूर्व दिन का क्लेश भूल जाता है; पंछियों के मधुर कलरव से वातावरण गुंजायमान हो जाता है।
• उसे MBA की पढ़ाई करनी था ; किन्तु पैसे की कमी के कारण नही हो सकी।
अल्प विराम चिन्ह ,
अल्प विराम चिन्ह का क्षेत्र बहुत व्यापक है इसमें बहुत कम ठहराव होते है। इसका निम्न स्थानों पर किया जाता है।
• दो या दो से अधिक संज्ञा , सर्वनाम और क्रियाओ के बीच । राम , कृष्ण , कुमार
• दो बड़े वाक्यों के बीच ।
• जहां योजक छोड़ दिया जाता है वहा जैसे _ विनाश एक दिन में हो सकता है, निर्माण नही।
• हां , नही , जी , बस , अतः , अच्छा आदि से शुरू होने वाले वाक्यों में इन शब्दो के बाद ।
• संबोधित संज्ञा के बाद ।
• जब परस्पर संबंध रखने वाले दो शब्दो के बीच में पद , खंडवाक्य आकर उन्हें अलग कर दे तो उनके दोनो तरफ।
भाव चिन्ह को निम्नलिखित भागो में बाटा गया है।
प्रश्न बोधक ?
जिस वाक्य से प्रश्न का बोध होता है उसमे प्रश्न चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। साधारणतः कोन , क्या , कब , कहा , कैसे , क्यों आदि शब्द रहने पर यदि प्रश्न भाव का बोध होता है तो प्रश्न चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। जैसे_
• वह कब जाएगा ?
• तुम क्या खा रहे हो ?
• तुम्हारा स्कूल कब खुलेगा ?
• क्या तुम्हे घूमना पसंद है ?
विस्मयादिबोधक चिन्ह !
विस्मय , हर्ष , शोक , घृणा , प्रेम आदि भावो को प्रकट करने वाले शब्दो के आगे इसका प्रयोग किया जाता है। जैसे _
• बहुत खूब ! इसी तरह तरक्की करते रहो।
• आह ! बहुत जोर से चोट लगी है ।
• छि ! कितना बदबू कर रहा है ।
निर्देशक चिन्ह _
इस चिन्ह का प्रयोग निम्न स्थानों पर किया जाता है।
• उदाहरण देते समय
• वार्तालाप में वक्ता के नाम के बाद
• वाक्य में किसी पद का अर्थ अधिक स्पष्ट करना हो।
• वाक्य में किसी पद को दोहराना हो ।
• किसी वाक्य के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए ।
योजक चिन्ह –
योजक चिन्ह का प्रयोग द्वंद्व समास के दो पदो के बीच , युग्म शब्दो के बीच , सहचर शब्दो के बीच में इसका प्रयोग होता है।
कोष्ठक चिन्ह ( )
कोष्ठक चिन्ह का प्रयोग_
• किसी पद का अर्थ स्पष्ट करने में ।
• वक्ता के भावनाओं को स्पष्ट करने के लिए।

उद्धरण चिन्ह / अवतरण चिन्ह ” ” / ‘ ‘
यह चिन्ह इकहरा एवम दुहरा दोनो रूपो में होता है; किन्तु दोनो मे अन्तर है।
इकहरा का प्रयोग निम्न स्थानों पर होता है।
• वाक्य में प्रयुक्त कहावत मे ।
• किसी शब्द को हाईलाइट करने में।
• किसी शब्द का व्यंग्यार्थ प्रयोग मे ।
दुहरा का प्रयोग निम्न स्थानों में होता है।
• दुहरा का प्रयोग किसी लेखक या वक्ता के कथन को हू-ब-हू लिखने में किया जाता है।
लाघब चिन्ह ०
किसी प्रचलित बड़े शब्द के छोटे रूप को दर्शाने के लिए इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। लाघव शब्द लघु ( छोटा ) से बना है।
प० नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे।
डा० घोष एक अच्छे सर्जन है।
विवरण चिन्ह :-
जब किसी पद की व्याख्या करनी हो या उसके बारे में विस्तार से बताया हो तब विवरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। जैसे_
• संज्ञा :- किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते है।
लोप चिन्ह …….. , ×××××
इस चिन्ह का प्रयोग विभिन्न उद्देश्यों से किया जाता है। जैसे_
• वाक्य में छोड़े गए अंश के लिए ।
• गोपनीय या अश्लील पदो को छुपाने के लिए।
• रिक्त स्थान दिखाने के लिए ।
त्रुटी चिन्ह / काकपद / हंसपद ^
वाक्य में किसी पद या वाक्य के छूट जाने पर उस स्थान पर ही जहा इनका प्रयोग अपेक्षित था इस चिन्ह का प्रयोग कर ठीक उसके ऊपर उस छूटे अंश को लिखा जाता है। जैसे_ viram chinh kise kahte hai
5
• वह रोज सुबह ^ बजे टहलने जाता है।
मे
• बच्चे नदी ^ स्नान कर रहे थे।
चोर
• कुत्ता ^ को देखते ही भौंकने लगा।
पोस्टिक
• गाय हमे ^ दूध देती है।
अनुवृति चिन्ह
जब लिखने मे एक ही शब्द बार बार ठीक नीचे लिखना पड़ता है तब इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
जैसे_
डॉक्टर अशोक कुमार
” मुकेश भटनागर
” रत्ना चौधरी
” असीम मित्त
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संज्ञा I सर्वनाम I वाक्य I विशेषण I क्रिया I प्रत्यय I काल I लिंग I वर्तनी I भाषा I समास I पदबंध I उपवाक्य I कारक I वचन I पर्यावाची शब्द I विलोम शब्द I उपसर्ग
जब हम लोग अपने भाव को प्रकट करते हैं तब कुछ अंश को प्रकट करने के बाद थोड़ा रुकते हैं , इसे ही विराम कहते है। और इसे स्पष्ट करने के लिए जिस चिन्ह का प्रयोग करते हैं , उसे विराम चिन्ह कहते हैं ।
जहां अपूर्ण विराम से भी कम ठहराव का संकेत होते है। वहा इस तरह के चिन्ह का प्रयोग होता है। यदि खंड वाक्य का आरंभ वरन , पर , परन्तु , किंतु , क्योंकि , इसलिए , तो भी आदि शब्द से हो तो उसके पहले अर्द्ध विराम चिन्ह ; का प्रयोग किया जाता है। लगातार आने वाले पदबंधो के बीच भी अर्द्ध विराम का प्रयोग किया जाता है। जैसे_
विराम चिन्ह का अर्थ है _ विराम अथवा ठहराव
जब हम लोग अपने भाव को प्रकट करते हैं तब कुछ अंश को प्रकट करने के बाद थोड़ा रुकते हैं , इसे ही विराम कहते है। और इसे स्पष्ट करने के लिए जिस चिन्ह का प्रयोग करते हैं , उसे विराम चिन्ह कहते हैं ।