visheshan kise kahte hai I hindi grammar visheshan I example of visheshan
दोस्तो आज हमलोग विशेषण (visheshan kise kahte hai) के बारे मे पढ़ेगे। विशेषण किसे कहते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं इत्यादि। अगर आप विशेषण के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को ध्यान पूर्वक पढ़े। जहा पर विशेषण को उदाहरण के साथ समझाया गया है।
विशेषण किसे कहते हैं?(visheshan kise kahte hai)
संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले विकार को विशेषण कहते है।
उदाहरण_
• जयपुर एक घूमने का स्थान है।
• मोहन अच्छा लड़का है।
• कश्मीर एक ठंडी जगह है।
विशेषण के चार प्रकार होते है।
• गुणवाचक विशेषण
• संख्या वाचक विशेषण
• परिमाण वाचक विशेषण
• सार्वनामिक विशेषण
गुण वाचक विशेषण
जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव के गुण,दोष, स्वभाव,रंग,आकर,अवस्था,गंध,दशा, दिशा,स्वाद का बोध कराता है, गुण वाचक विशेषण कहते है।
उदाहरण_
• गुलाब का फूल बहुत खुशबूदार है।
• अच्छा व्यक्ति सम्मान पता है।
• कोबरा सांप बहुत जहरीला होता है।
• सोहन को लाल टमाटर बहुत पसंद है।
• हाथी एक बड़ा जानवर है।
• मधु बहुत मीठा होता है।
• जयपुर का किला बहुत पुराना है।
संख्या वाचक विशेषण
जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव के विशेषताओ के निश्चित या अनिश्चित संख्याओं का बोध कराती है। संख्या वाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण_
• कुछ लड़के मैदान में खेल रहे है।
• प्रत्येक पांच मिनिट में एक बस खुलती है।
• मोहन पहली कक्षा में पढ़ता है।

निश्चिता के अनुसार संख्यावाचक विशेषण को कई भागों में बाटा गया है।
क. गणना वाचक
यह अपने विशेस्य की साधारण संख्या या गिनती बताता है।इसके दो प्रकार है।
१. पूर्णांक बोधक/ पूर्ण संख्या वाचक
जिस विशेषण में पूर्ण संख्या का प्रयोग होता है। जैसे_
दो, चार , छः, आठ वस्तु या किलोमीटर आदि।
२. अपूर्णांक बोधक/ अपूर्ण संख्या वाचक
जिस विशेषण में अपूर्ण संख्या का प्रयोग होता है। जैसे_
सवा रूपये , ढाई हजार रुपए , साढ़े तीन घंटे आदि।
ख. क्रम वाचक
यह विशेस्य के क्रम को यानी क्रमात्मक संख्या को बतलाता है। इसका प्रयोग हमेशा एक वचन में होता है। जैसे_
एक राजा , दो रानी , तीन पुत्र, चार पुत्री आदि।
ग. आवृति वाचक
यह विशेस्य में किसी इकाई की आवर्ती की संख्या बतलाता है। जैसे_
दो गुने कर , चार गुने फल आदि।
घ. संग्रह वाचक
यह विशेस्य की सभी इकाइयों का संग्रह बतलाता है। जैसे_
चार केले , छः आम, तीन चोर आदि।
ड. समुदाय वाचक
यह किसी वस्तुओ की सामुदायिक संख्या को व्यक्त करता है। जैसे_
एक दर्जन केले , एक जोड़ी जूते आदि।
च. विप्सा वाचक
व्यापकता का बोध कराने वाली संख्या को विप्सावाचक कहते है। जैसे_
संख्या के पूर्व प्रति , हर,प्रत्येक ,संख्या के द्वित्व से।
उदाहरण
प्रत्येक पांच मिनिट में एक बस खुलती हैं।
दो-दो कमरे का एक घर है।
परिमाण वाचक विशेषण
वह विशेषण जो अपने विशेस्यो की निश्चित अथवा अनिश्चित मात्रा का बोध कराए।, परिमाण वाचक विशेषण कहते है।
इस विशेषण में विशेस्य सिर्फ द्रव्यवाचक संज्ञा है। जैसे_
दूध , चाय , कॉफी , जल आदि।
उदाहरण_
मुझे थोड़ी चाय चाहिए।
चुल्लू भर पानी में डूब मरो।
उसे थोड़ी पानी चाहिए, पीने के लिए।
सार्वनामिक विशेषण
जब किसी सर्वनाम का मौलिक या यौगिक रूप किसी संज्ञा के पहले आकर उसके क्षेत्र को सीमित कर देता है, तब वह सर्वनाम न रह कर सार्वनामिक विशेषण बन जाता हैं।
जैसे_
काली गाय , डरपोक लड़का ,मेहनती आदमी आदि।
उदाहरण_
कली गाय मेरी है।
ऐसा आवारा लड़का मैने नही देखा।
बचपन प्यारा होता है।
अच्छी वर्षा होने से फसल भी अच्छी होती है।