दोस्तो आज के इस लेख में आप वृक्षारोपण निबंध पढ़ेंगे। वृक्षारोपण पर निबंध अकसर हमारे विद्यालय में पूछे जाते है। वृक्ष की महत्त्व और गुणों को जानने के लिएं तथा वृक्ष के प्रति प्रेम भाव को बढ़ाने के लिए विद्यालय में वृक्षरोपण पर निबंध लिखाए जाते है।
वृक्षारोपण निबंध (vrikshropan per nibandh)
आज कल सरकार और पर्यावरण से जुड़े संगठन वृक्षारोपण पर अधिक बल दे रहे है। उनका कहना है कि पर्यावरण का संतुलन और मानव जीवन की प्रगति के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है। इनके महत्त्व को देखते हुए हमारे देश में पेड़ पौधों की पूजा भी की जाती है।
वृक्षारोपण की महत्त्व
वृक्ष हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वृक्ष हमे जीवनदायनी ” ऑक्सीजन ” प्रदान करती है। और जीवो द्वारा छोड़े गए ” कार्बन डाइऑक्साइड ” को ग्रहण करती। जिससे हमे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है। वृक्षों के पत्तियां , छाल और जड़ों से हमे मूल्यवान औषधि प्राप्त होती है। इनसे हमे स्वादिष्ट फल प्राप्त होते है। वृक्ष हमे छाया प्रदान करती है इसकी छाया में पशु पक्षी , मनुष्य सभी चैन की सास लेते है। जहा वृक्ष पर्याप्त मात्रा में होते है वहा वर्षा भी सठीक मात्रा में होते हैं और मौसम का संतुलन भी बना रहता है। वृक्षारोपण से चारो और हरियाली छा जाती है। पर्यावरण की खूबसूरती में निखार आ जाता है। और हमारा मन भी खुशी उल्लास से भर जाता है। अगर एक पक्ति में वृक्ष के महत्त्व को व्यक्त करे तो , मनुष्य जन्म लेने के बाद से मृत्यु तक वृक्षों एवम उनसे प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार की वस्तुओ पर निर्भर रहता है।

वृक्षरोपण की आवश्यकता
औद्योगिक क्षेत्र में प्रगति के कारण पर्यावरण अत्यंत प्रदूषित हो गया है। मनुष्य अपने लाभ के लिए कल कारखानों में वृद्धि करता रहा है और पेड़ पौधों की खूब कटाई की । इसके कुपरिणाम स्वरूप पृथ्वी का पर्यावरण असंतुलित हो गया है। पिछले कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। अतः पर्यावरण का संतुलन और प्राणी के अस्तित्व की रक्षा के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है। वृक्ष पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने में सहायक होता है। और असमय मौसम परिवर्तन को रोकता है।
हम भारतीयों ने पेड़ पौधों के प्रति प्रेम की भावना प्राचीन काल से है। भारतवासी इन पेड़ पौधों को सिर्फ लकड़ी ही नही बल्कि इन्हे भगवान का एक रूप भी मानते है। जैसे भगवान शंकर का निवास स्थान मान कर बट वृक्ष की पूजा करते है। पीपल और तुलसी की पूजा तो घर घर में होती है। मत्स्य पुराण , वराह पुराण , विष्णु पुराण और पदम पुराण में भी वृक्षारोपण को शांति और पुण्य का प्रतीक माना गया है।
वृक्षारोपण और संरक्षण के प्रयास
वृक्षारोपण और संरक्षण किसी भी जीव के लिए आवश्यक है। अतः राष्ट्र और राज्य स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं जैसे – ग्रीन इंडिया मिशन , नेशनल ग्रीन हाईवे , राष्ट्र वनीकरण कार्यक्रम , वृक्षारोपण कार्यक्रम आदि। वृक्षारोपण के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। बिहार , उत्तर प्रदेश और अन्य राज्य भी वृक्षारोपण को बढ़ावा दे रहे हैं। और भारत में वृक्षारोपण व संरक्षण का संबंध भारतीय संस्कृति से ही है।
वृक्षारोपण हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अतः वृक्षारोपण के कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देने के लिए लोगो को वृक्ष से होने वाले लाभ के बारे में बताना होगा। लोगो को पेड़ लगाने के लिए जागरूक करना होगा। वृक्ष ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत है, जिस पर मानव जीवन का अस्तित्व निर्भर है। अतः वृक्षारोपण सभी मनुष्यों का सबसे बड़ा धर्म है।
दोस्तो , आशा करता हूं “vrikshropan per nibandh ” निबंध आपको पसंद आएगा। अगर आपको इस लेख से जुड़ी कोई जिज्ञासा या सुझाव है तो आप हमे कॉमेंट करके जरूर बताएं।